शून्य लागत कॉलर: संपूर्ण मार्गदर्शिका

क्या आप कभी अपनी संभावित हानि को कम करने के लिए अपने स्टॉक की पोज़ीशन की हेजिंग करना चाहते थे लेकिन इस सुविधा के लिए अपनी जेब से पैसा खर्च नहीं करना चाहते थे? तो फिर शून्य लागत कॉलर यानी ज़ीरो कॉस्ट कॉलर रणनीति आपके लिए ही है। इस मार्गदर्शिका में हम आपको बताएंगे कि यह कैसे होता है, इसका उदाहरण देंगे, इसके लाभ और हानियाँ बताएंगे और आपको अपना शून्य लागत कॉलर बनाने के लिए वांछित साधन देंगे। तो बिना किसी झंझट के हेजिंग कैसे करें, इस बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।

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शून्य लागत कॉलर क्या होता है?

शून्य लागत कॉलर (ज़ीरो कॉस्ट कॉलर) नामक ट्रेडिंग रणनीति का उपयोग बिना कोई हानि उठाए अंतर्निहित स्टॉक से लाभ अर्जित करने के लिए किया जाता है। यह समान समाप्ति तिथि वाले पुट और कॉल विकल्पों का उपयोग करके स्टॉक के लिए मूल्य सीमा स्थापित करता है।

शून्य लागत कॉलर कार्य में लाने के लिए आप स्टॉक की वर्तमान कीमत से कम लॉन्ग पुट ऑप्शन खरीदते हैं और स्टॉक की वर्तमान कीमत से ऊपर शॉर्ट कॉल ऑप्शन बेचते हैं। कॉल ऑप्शन बेचने से प्राप्त आय से पुट ऑप्शन की लागत की भरपाई होती है। ऐसा करने से कीमतों की एक “कॉलर” श्रेणी बन जाती है, जो आपको हानि से सुरक्षित रखती है।

शून्य लागत कॉलर को हेज रैपर यानी कवच भी कहा जाता है क्योंकि इसकी बदौलत आप स्टॉक को रख कर अधिकतम संभावित लाभ और अधिकतम संभावित हानि को लॉक कर सकते हैं।

उदाहरण

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शून्य लागत कॉलर के उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आपने $100 में एक स्टॉक खरीदा था, जिसकी कीमत अब $120 प्रति स्टॉक है। कुछ लाभ कमाने के लिए आप $115 के स्ट्राइक मूल्य वाला पुट ऑप्शन $0.95 में खरीदते हैं और $124 के स्ट्राइक मूल्य वाले कॉल को $0.95 में बेचने का निर्णय लेते हैं। पुट ऑप्शन पर आपका खर्च $95.00 ($0.95 x 100 स्टॉक प्रति कॉन्ट्रैक्ट) आएगा और कॉल से $95.00 ($0.95 x 100 स्टॉक प्रति कॉन्ट्रैक्ट) का क्रेडिट मिलेगा। परिणामस्वरूप, इस ट्रेड की शुद्ध लागत शून्य होगी, जिससे आप लाभ कमा सकेंगे।

यह उदाहरण ऊपर दिए गए शून्य लागत कॉलर चित्र में अच्छी तरह से दिखाया गया है।

शून्य लागत कॉलर को समझें 

शून्य लागत कॉलर नामक ऑप्शंस रणनीति में आप किसी शुद्ध प्रीमियम का भुगतान किए बिना किसी स्टॉक की कीमतों की रेंज निर्धारित कर सकते हैं। इसमें एक सुरक्षात्मक पुट ऑप्शन खरीदना और एक कवर्ड कॉल ऑप्शन का बेचना शामिल होता है।

शून्य लागत कॉलर रणनीति में दूसरे भाग में हुए खर्चों को संतुलित करने के लिए एक हिस्से पर पैसा खर्च करना होता है। इस ऑप्शन रणनीति का उपयोग किसी स्टॉक में लांग पोज़ीशन बनाये रखने से हुए अच्छे लाभ के बाद किसी संभावित हानि से बचने के लिए किया जाता है।

शून्य लागत कॉलर को लागू करने के लिए अपने स्टॉक के वर्तमान बाज़ार मूल्य से कम स्ट्राइक मूल्य वाला पुट ऑप्शन खरीदें। स्टॉक की कीमत गिरने की स्थिति में यह पुट सुरक्षा प्रदान करता है। इसके बाद आप वर्तमान बाज़ार मूल्य से ऊपर के स्ट्राइक मूल्य वाली कॉल ऑप्शन बेचते हैं। कॉल बेचकर आपको प्राप्त हुई प्रीमियम राशि पुट की लागत की भरपाई करती है, जिसके कारण आपकी शुद्ध लागत शून्य हो जाती है।

कॉलर के भीतर आपका स्टॉक सुरक्षित रहता है। यदि स्टॉक की कीमत पुट के स्ट्राइक मूल्य से नीचे जाती है तो पुट ऑप्शन आपको इसे उस कीमत पर बेचने की सुविधा देता है। और यदि स्टॉक का मूल्य कॉल के स्ट्राइक मूल्य से ऊपर जाता है तो कॉल ऑप्शन का अर्थ यह है कि आप इसे उस ऊंचे मूल्य पर बेचेंगे। लेकिन कॉलर के बाहर आपको होने वाले लाभ और हानि की कोई सीमा नहीं है।

शून्य लागत कॉलर का प्रयोग  

शून्य लागत कॉलर को लागू करने के बाद सक्रियता से अपनी स्थिति का प्रबंधन और निगरानी करना ज़रूरी है। यहाँ नीचे आप ध्यान रखने योग्य कुछ प्रमुख बातों का अवलोकन कर सकते हैं।

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  • अंतर्निहित स्टॉक की कीमत पर नज़र रखें 

इस बात पर गहराई से नज़र बनाए रखें कि अंतर्निहित स्टॉक की कीमत आपके कॉलर के संदर्भ में कैसे घट-बढ़ रही है। यदि इसकी कीमत ऊपरी स्ट्राइक मूल्य के करीब जाती है तो आप लाभ कमाने के लिए कॉलर को ऊपर रोल करने पर विचार कर सकते हैं। यदि इसकी कीमत गिरकर निचली स्ट्राइक के पास आती है तो आपको यह निर्णय लेना होगा कि क्या आप हानि से बचने के लिए कॉलर को नीचे रोल करना चाहते हैं या अपनी पोज़ीशन से बाहर निकलना चाहते हैं।

  • ज़रूरत पड़ने पर स्ट्राइक को समायोजित करें

जोखिम लेने की अपनी क्षमता के अनुसार ऊपरी और निचली स्ट्राइक को समायोजित कर लाभ कमाने या हानि से बचने से डरें नहीं। आप स्ट्राइक को ऊपर, नीचे रोल या बाद की तिथि की समाप्तितक पर रोल कर सकते हैं।

  • अपने लक्ष्य बदलने की स्थिति में बाहर निकलें
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चूंकि शून्य लागत कॉलर की स्थिति अस्थायी होती है, इसलिए आपको किसी ना किसी समय बिंदु पर बाहर निकलना होगा। यदि आपके निवेश के लक्ष्य में बदलाव होता है या अंतर्निहित स्टॉक की कीमत आपकी स्ट्राइकों की सीमा से बाहर चली जाती है, या फिर समय के साथ आपकी पोज़ीशन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है तो हो सकता है कॉलर से बाहर निकलने का समय आ गया हो। आप शॉर्ट कॉल को बाय बैक कर, लांग पुट को बेचकर या दोनों ऑप्शन को समाप्त होने देकर इससे बाहर निकल सकते हैं।

  • अपनी कर की देनदारी पर विचार करें

हालाँकि शून्य लागत कॉलर में आपको कोई अग्रिम लागत नहीं देनी होती है, पोज़ीशन से बाहर निकलने पर आपको पूंजीगत लाभ कर देना पड़ सकता है। आपका कर दायित्व इस बात पर निर्भर करेगा कि इस ट्रेड में आपको लाभ होता है या हानि। कॉलर की शुरुआत से पहले संभावित कर दायित्व को समझना अच्छी बात है।

इन टिप्स को ध्यान में रखकर आप शून्य लागत कॉलर स्थिति के प्रभावी प्रबंधन और अपने निवेश लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद पा सकते हैं। यदि सक्रिय निगरानी और प्रबंधन किया जाए तो ये “शून्य लागत” वाली पोज़ीशन लाभदायक हो सकती हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

शून्य लागत कॉलर लोकप्रिय ऑप्शन रणनीति है, लेकिन हो सकता है कि आपके मन में अभी भी ये प्रश्न हों कि यह कैसे काम करता है और क्या इससे जुड़े जोखिमों की गणना की जा सकती है। तो, आइए, शून्य लागत कॉलर रणनीति के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्नों पर नज़र डालें।

अधिकतम संभावित लाभ कितना होता है?

चूंकि शून्य लागत कॉलर में एकसमान समाप्ति तिथि और अंतर्निहित स्टॉक वाले पुट ऑप्शन खरीदे और कॉल ऑप्शन बेचे जाते हैं, इसलिए आपका अधिकतम संभावित लाभ आपके द्वारा बेची गई कॉल ऑप्शन के स्ट्राइक मूल्य तक सीमित होगा। यदि स्टॉक की कीमत कॉल स्ट्राइक से ऊपर जाती है तो आपको किसी भी अतिरिक्त लाभ से हाथ धोना पड़ेगा।

अधिकतम संभावित हानि कितनी होती है?

आपकी अधिकतम संभावित हानि पुट के स्ट्राइक मूल्य और शून्य के बीच के अंतर तक सीमित होती है। चूँकि कॉलर शून्य लागत पर लागू किया गया था, इसलिए आपकी अधिकतम हानि उतनी ही होगी जितना वह स्टॉक पुट स्ट्राइक से नीचे जाता है। पुट ऑप्शन आपको उस राशि से अधिक होने वाली किसी भी हानि से सुरक्षित रखता है।

समाप्ति के समय क्या होता है?

समाप्ति के समय कुछ चीज़ें हो सकती हैं:

  • स्टॉक की कीमत पुट और कॉल स्ट्राइक के बीच है: दोनों ऑप्शन बेकार ही समाप्त हो जाते हैं और आपको स्टॉक रखना पड़ता है।
  • स्टॉक की कीमत पुट स्ट्राइक से कम है: आप पुट का प्रयोग कर स्टॉक को पुट स्ट्राइक कीमत पर बेचते हैं। आपका नुकसान पुट स्ट्राइक में से स्टॉक की कीमत घटाकर जो बचे केवल उस तक सीमित है।
  • स्टॉक की कीमत कॉल स्ट्राइक से ऊपर है: कॉल ऑप्शन प्रयोग कर आप स्टॉक को कॉल स्ट्राइक कीमत पर बेचते हैं। आपको मिलने वाला अधिकतम संभावित लाभ होगा: कॉल स्ट्राइक कीमत – स्टॉक की कीमत (जब आपने कॉलर पोज़ीशन ली थी)।

क्या मैं शून्य लागत कॉलर से समय-पूर्व बाहर निकल सकता/ती हूँ?

जी हाँ, आप समाप्ति से पहले किसी भी समय शून्य लागत कॉलर से बाहर निकल सकते हैं। बस आपको बेचे गए पुट ऑप्शन को बाय बैक करना पड़ेगा और खरीदे हुए कॉल ऑप्शन को बेचना होगा। ट्रेड से बाहर निकलते समय ऑप्शन की कीमतों पर ही निर्भर करेगा कि कॉलर पोजीशन को क्लोज़ करते समय आपको लाभ होगा या हानि।

क्या शून्य लागत कॉलर वास्तव में शून्य लागत वाला होता है?

ऑप्शन खरीदने और बेचने के मामले में कॉलर रणनीति शून्य लागत वाली हो सकती है, लेकिन यह बात ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि ट्रेड करने में अतिरिक्त शुल्क और लागत लग सकते हैं।

शून्य लागत कॉलर से क्या लाभ होता है?

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बाज़ार की हालत ख़राब होने पर यह रणनीति आपको अपनी हानि कम करने में मदद करती है। कॉल बेचने से आपका लाभ भी कम हो जाता है। कॉल बेचकर आप स्टॉक पर मिलने वाली अधिकतम कीमत तय कर देते हैं, लेकिन तभी जब खरीदार इसका उपयोग न करे।

इसलिए, यदि आप कोई स्टॉक लंबे समय तक बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन इसकी कीमत में होने वाले अल्पकालिक उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं तो शून्य लागत कॉलर अच्छी रणनीति हो सकती है।

निष्कर्ष 

शून्य लागत कॉलर निवेशकों के लिए लाभ अर्जित करने या बिना किसी अग्रिम लागत के अपनी वर्तमान स्टॉक पोज़ीशन को सुरक्षित रखने का शानदार तरीका है। यदि स्टॉक की कीमत आसमान छूती है तो यह आपके संभावित लाभ की सीमा तय कर देती है, लेकिन शून्य लागत वाली रणनीति के तौर पर शून्य लागत कॉलर कई ट्रेडरों और निवेशकों के लिए जोखिम-बनाम-लाभ का आकर्षक समीकरण है।

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